डाइवोर्स

. . 1 टिप्पणी:
लेखिका हाल केदिनों की चर्चित रचनाकार है

'जज के  सामने कोई सामाजिक मुजरिम नहीं थे बल्कि पारिवारिक मुजरिम थे |वे
दोनों तरफ की दलीले सुन रहे थे | पति पत्नी पर और पत्नी पति पर लगातार
आक्षेप लगा रहे थे |पति जज द्वारा इजाजत पाकर अपनी बाते  रखता है -

'जज साहब - क्या कहूँ - शादी की तो अपनी मर्जी से थी पर नहीं जानता था की
नरक भोगने  जा रहा हूँ - मुझे अपने इतने वर्षों के वैवाहिक जीवन में कभी
पति होने का सुख नहीं मिला - पत्नी ऐसी मिली जो सोशल वर्क में इतनी
व्यस्त रहती है की घर पहुच कर मुझे ही घर में अपने सारे काम खुद करने
पड़ते है - एक कप चाय तक को तरस जाता हूँ - फिर रखे रखाए खाने को गरम कर
के खाओ ,इसी कारण कई बार मै बाहर से खाना खा कर आया - क्या यही गृहस्थी
का ढंग है ,तो मुझे नहीं चाहिए ऐसी गृहस्थी - मुझे डाइवोर्स चाहिए ...|'

पत्नी भी उतने ही ऊंचे  और भरे शब्दो  में बोली -

'गृहस्थी सिर्फ पत्नी की जिम्मेदारी से पूर्ण नहीं होती , जज साहब मैं
मजबूरन बाहर निकली - इनकी अनदेखी मेरे अन्दर निरसता घोलती जा रही थी - घर
 रह कर दासी की तरह पति का इंतज़ार करते रहना  मुझे  कतई मंजूर नहीं था -
जज साहब मुझे भी ऐसी गृहस्थी नहीं चाहिए - मुझे डाइवोर्स चाहिए .....|'

जज क्रमशः दोनों की सुनते रहे | वकील दोनों को बोलने का स्थान देते रहे |
इसी क्रम में बहस चल रही थी की तभी एक छोटा सा बच्चा दौड़ता हुआ जज के
सामने आकर खड़ा हो गया | अब सब चुपचाप होकर उसे देखने लगे |

वो कह रहा था -

'जज अंकल - ये मेरे मम्मी पापा है - जज अंकल जब मैं स्कूल से आता हूँ तो
मेरे साथ आया आंटी रहती है और मेरे सर जी जो घर पर  मुझे पढ़ाने आते है ,
मैं उन के  साथ खेलता हूँ - मुझे मम्मी पापा कहीं नहीं ले जाते - बस जब
मिलते है लड़ते रहते है - जज अंकल मैं भी इन के  साथ नहीं रहूँगा - मैं
आया आंटी और सर जी के साथ रहूँगा - मुझे भी डाइवोर्स चाहिए ...|'

सब भौंचके सुनते रहे | बच्चे ने वहाँ हो रही बहस का पर्याय अपनी मासूम
बुद्धि से कैसा समझा , सब समझ गए और अपनी अपनी बगले झांकते हुए ये सोचने
लगे की डाइवोर्स असल  मे किसे और कैसा चाहिए -|
अर्चना ठाकुर
 http://www.facebook.com/archana.thakur.182

1 टिप्पणी:

  1. Though we think that child has not understood what is happening in the court but he also wants a peaceful life.Actually Archanaji you have given a message to married husbands & wives.Now it is on them to understand it.
    vinnie

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