गांधी, अहिंसा और सत्याग्रह -डॉ.विजय शिंदे

. . 1 टिप्पणी:


                                        

            महात्मा, पितामह, बापू यह शद्ब गांधी जी के नाम के साथ युं ही नहीं जोडे गए। इन शद्बों को व्यापक अर्थ प्रदान करने का कार्य गांधी जी ने किया है। भारत देश को आजादी देने में जितना बडा योगदान महात्मा गांधी जी का रहा है उतना ही बडा योगदान विश्व स्तर पर इंसान को इंसान बनाने में रहा है। मनुष्य एक दूसरे को मार-पिटकर, एक दूसरे के प्रदेशों को कब्जे में कर अपनी ही बिरादरी वाले को गुलाम बना रहा था। चारों तरफ कब्जा, गुलामी, शोषण, अन्याय, अत्याचार, लूट, खून-खराबा और युद्ध का माहौल था। न्याय और मानवियता के सुरक्षा हेतु गांधी जी ने तीन तत्त्वों को अपना शस्त्र बनायासत्य, अहिंसा और प्रेम।
            सत्य का अर्थ है सच, सत्य, न्याय संगत और वास्तविक। सत्य शद्ब का अर्थ जानकर गांधी जी ने इसका तोल-मोल किया। ऐसा नहीं की गांधी जी जिंदगी में कभी झूठ बोले नहीं परंतु जब से सच और  झूठ का अंतर समझ में आया तब से इन्होंने सत्य का आग्रह किया। अपने जीवन में नीति-नियमों का कडाई के साथ पालन और उसका आग्रह हीसत्याग्रहबना।
            अहिंसाशद्ब का अर्थ है किसी को मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक स्तर पर कभी भी मारना नहीं, दुःख पहुंचाना नहीं। भारत देश और विश्व स्तर पर इससे पहले ढेरों महापुरुषों ने अहिंसा के तत्त्व का स्वीकार किया था परंतु जिस युग में दूसरों की आजादी छिनने में गर्व की बात समझी जाती थी उस युग में अहिंसा की बात करना बडा साहस था। परंतु गाधी जी को भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर विश्वास था। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में अहिंसाको अजमाकर देखा। बिना शस्त्र उठाए, बिना खून-खराबा किएसत्याग्रहऔर अहिंसाके आधार पर भारत देश को आजाद बनाने में सफलता पाई।

                                    
-डॉ.विजय शिंदे
हिंदी प्रेमी, हिंदी भाषा और देवनागरी का पुरस्कार।डॉ.विजय शिंदेजन्मः 07 अप्रैल 1976, लोकरेवाडी, त. तासगांव, जि. सांगली, (महाराष्ट्र).शिक्षाः एम्. ए. (हिंदी साहित्य) शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर में प्रथम, पीएच्. डी. (विवेकी राय के गद्य साहित्य में शिक्षा व्यवस्था)भाषा ज्ञानः हिंदी, मराठी, अंग्रेजीप्रकाशित कृतियाःकहानी संग्रह     1. सवासिन (मराठी), प्रियदर्शी प्रकाशन, कोल्हापुर,    2. एकांत तपस्वी (हिंदी), दिल्लीअनुवाद कार्य - ययाति (हिंदी से मराठी में भारतीय भाषाओं के श्रेष्ठ कहानियों का अनुवाद)संपादन - इक्कीसवीं सदी में हिंदी साहित्यः स्थिति एवं संभावनाएं, राज पब्लिशिंग हाऊस, जयपुरप्रसारणः आकाशवाणी सांगली, कोल्हापुर और औरंगाबाद से मराठी व हिंदी कहानियां, कविताएं और वार्ताओं का प्रसारण।सम्मान एवं पुरस्कारः    1. महाकवि भूषण पुरस्कार,    2. डॉ. चंदुलाल दुबे पुरस्कार,    3. डॉ. आर. व्ही. चिटणीस पारितोषिक,     4. महाराष्ट्र राज्य साहित्य व संस्कृति मंडल का ‘सवासिन’ पुस्तक प्रकाशन हेतु अनुदान,    5. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहित्य रत्न पुरस्कार,    6. आदर्श शिक्षक पुरस्कारसदस्यः दक्षिण भारत हिंदी परिषद और महाराष्ट्र हिंदी परिषद की आजीवन सदस्यता।संप्रतिः सृजनात्मक एवं समीक्षात्मक लेखन, सहायक प्राध्यापक, देवगिरी महाविद्यालय, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) ई-मेलः drvtshinde@gmail.com ब्लॉगः  drvtshinde.blogspot.com

1 टिप्पणी:

  1. ANHISA...PAR APKA LEKH ....'ARE BHAISAHAB ..ESI_LIYE HI TO 'HAMARE DESH KA I T I H A S..VIRO KA NHI 'HARO ' KA RAHA HAI..''JAHA a_VYAVHARIK ..aNHISA...KI BATE KARKE 'NA_MARD_'..LOGO NE ES DHARA ..PE VIDESHIYO KO atyachar KA MOAKA PRADAN KIYA....

    जवाब देंहटाएं

mail us

mail us

Recent Comments

LATEST:


शुरूआत प्रकाशन की पेशकश

शुरूआत प्रकाशन की पेशकश

लेखा - जोखा

Archive

हम ला रहे हैं जल्‍दी ही हिन्‍दी के साथ साथ अंग्रेजी में भी कई किताबें लेखक बन्‍धु सम्‍पर्क कर सकते हैं - 09672281281

Other Recent Articles

Followers

Feature Posts

We Love Our Sponsors

About

Random Post

अप्रकाशित व मौलिक रचनाओं का सहर्ष स्‍वागत है

BlogRoll

topads

Subscribe

Enter your email address below to receive updates each time we publish new content..

Privacy guaranteed. We'll never share your info.

सर्वाधिकार @ लेखकाधिन. Blogger द्वारा संचालित.

Popular Posts