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तो फिर...........
फोटो - धीरेंन्द्र गुर्जर तो फिर........... मेरी आंखों में आंसू, फिर भी लवों पे मुस्कान क्यूं है, जिन्दगी जीते हैं हम, ...

माँ ''कहानी''
आज नवरात्रि की पूजा समाप्त कर रमा कुछ देर माता दुर्गा की तस्वीर के आगे बैठे बैठे सोच रही थी कि इस जहान में माँ की महिमा कितनी बड़ी है ,यह ...

क्या ये कसूर है हमारा
जब मैं बेतहाशा चीख रही थी तब तुम हैवानों से बने थे कैसे नोचते खसोटते मुझे तुम शैतानों से बने थे. क्या तब भी भेडियों से बने थे जब ...

मुख़ौटा (लघु कथा)
'अब लगता है ,पुरुष समाज सुधर रहा है |' अर्चना ठाकुर अपनी पत्नी सुधा की टिप्पणी पर उसका पति नीलेश जाते जाते रुक जाता है | ...

चिंता ...( लघु कथा )
जल्दी -जल्दी से बढे जा रहे हैं रजनी के कदम। आज तो देर हो गयी ,जाते ही डांट पड़ेगी सर से। जिम में समय पर पहुंचना उसकी ड्यूटी है लेकिन छोट...

मुझे पागल ही बने रहने दो ( लघु कथा )
उपासना सियाग रागिनी ने अपने बेटे विक्रम को बताया , वह आगरा जाने वाली है तो वह शरारत से मुस्करा उठा और बोला , " माँ , वहां पर अ...

न्याय *कहानी* सत्यनारायण पटेल
सत्यनारायण पटेल कहने में क्या बुराई है.. ? मैं अगर कहूँ कि कल दिन में तारे इस क़दर चमक ...

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हम ला रहे हैं जल्दी ही हिन्दी के साथ साथ अंग्रेजी में भी कई किताबें
लेखक बन्धु सम्पर्क कर सकते हैं - 09672281281
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डॉ.सुनील जाधव,नांदेड , महाराष्ट्र , ब्लॉग - नवसाहित्यकार ...
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यहाँ म्रत्यु की तरह शोक की भी श्रेणी है | गरीब की म्रत्यु पर बैठक होती है अमीर की म्रत्यु पर सभा होती है | ये सभा भारत की ...